गुड लुकिंग
हे भाई ! क्या हाल है तेरा ?
अरे !
हाल वही मेरा जो हाल है तेरा I
अच्छा ! फिर किस बात से घबरा रहा ?
कौन सी गुड लूकिंग को तु छुपा रहा ?
क्या कोई आवाज़ तूझे रोक रही ?
या सिन्द्वातों के जाल में माया खो रही
?
या चला रहा तू नए – नए तीर कोई ?
अरे भाई ! दिल में है दर्द छूपा,
लगा के सीने से है मैंने वो रखा,
अब चाह कर भी नहीं छोड़ रहा,
गुड लूकिंग मुझे है रोक रहा I
हा हा हा I बस इसी बात से तू घबरा रहा,
जिंदगी को और नरक बना रहा,
चेहरा दिखा, पंख फैला,
गुड लुकिंग और लुकिंग बैड में क्यों
रोज़ मरा जा रहा,
नया एक संसार तुझे बुला रहा,
आगे ही आगे बढ़ना तुझे, जो पुराना था,
अब वो पीछे रहा I
रीना यादव द्वारा रचित
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