Wednesday 10 August 2016

फर्क़ पड़ता है - Do not stop to talk someone who cares for you, it matters.


               फर्क़ पड़ता है

सह लेते है, हर दर्द खुशी से,
पर दर्द तेरे देने से फर्क़ पड़ता है I

पार हो जाते है, जिन्दगी की चुनोतियों से,
एक तेरे ठहर जाने से फर्क़ पड़ता है I

मजबूत दिल की हर धड़कन मेरी,
पर इसमें तेरे निकल जाने से फर्क़ पड़ता है I

मोह-माया इस जग की, अब नहीं आकर्षित करती,
पर एक तेरे खामोश हो जाने से फर्क़ पड़ता है I

पल-पल निकालते है, जीवन का हर पल शान से,
पर एक तेरे रूठ जाने से फर्क़ पड़ता है I

बाँधा है साँसों की ड़ोर को तेरे साथ कुछ इस तरह,
एक भी धागे के खींच जाने से फर्क़ पड़ता है I

तुम सोचो या ना सोचो,या ना अनुभव भी करो,
तेरे एक होने से मेरे जीवन पर फर्क़ पड़ता है I


                                                                                    

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